Government of India considering range of military (kinetic) and diplomatic measures in response to the Pahalgam terror attack.

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार दूसरे उपायों के अलावा कूटनीतिक रास्ते पर भी विचार कर रही है. कल देर शाम पहलगाम में पर्यटन के वास्ते गए 28 लोगों की जान आतंकवादियों ने ले ली थी. मृतकों में नेवी, इंटेलिजेंस के अधिकारी से लेकर टूरिस्ट गाइड और हाल ही में विवाहित जोड़े तक शामिल हैं. दरअसल, जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के बाद से ये अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी समेत दर्जनों वैश्विक नेताओं ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ खड़ा रहने का वादा किया है. इस बीच हमले को लेकर भारत में सख्त गुस्सा है.

टीवी 9 को मिली जानकारी के मुताबिक सरकार फौरी तौर पर कम से कम दस चीजों की तरफ कदम बढ़ा सकती है.

पहला – राजनयिक संबंधों को समाप्त करना या कम करना – भारत सरकार नई दिल्ली के पाकिस्तान उच्चायोग में राजनयिक के रूप में तैनात पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को निष्कासित कर सकती है. साथ ही, पाकिस्तानी उच्चायोग को आवंटित जमीन को वापस ले सकता है.

दूसरा – राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाना – भारत इस्लामाबाद से अपने राजनयिकों को वापस बुला सकता है. अगर ऐसा होता है तो ये बहुत बड़ा घटनाक्रम होगा. इससे दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय बातीचत केवल ईमेल तक सीमित हो जाएगी.

तीसरा –सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित करना – भारत सिंधु जल संधि यानी IWT को पूरी तरह से निलंबित कर सकता है. भारत इसके पीछे ये हवाला दे सकता है कि कई कानूनी नोटिसों के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से निरंतर सहयोग की कमी रही.

चौथा –अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देना: भारत पहलगाम हमले में पाकिस्तान की कथित भूमिका के बारे में नई दिल्ली में राजनयिक कोर और P5 देशों (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य) को जानकारी दे सकता है. इसका भी कूटनीतिक तौर पर काफी गहरा असर पड़ेगा.

पांचवां –विदेशी दूतों को साक्ष्य दिखाएं: भारत बैसरन, पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जगह पर विदेशी राजदूतों के दौरे का आयोजन कर सकता है. साथ ही, पीड़ितों के परिवारों के साथ बैठकें आयोजित कर सकता है, ताकि आम लोगों की तकलीफों को बयां किया जा सके.

छठा –वीजा जारी करना बंद करना – भारत पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा सकता है. अगर ऐसा होता है तो दोनों देशों के बीच का पीपल-टू-पीपल कनेक्ट भी पूरी तरह भारत काट देगा. साथ ही, इससे पाकिस्तान को एक सख्त संदेश भी जाएगा.

सातवां –पाकिस्तान में भारतीयों की यात्रा को प्रतिबंधित करना – भारत पाकिस्तानी वीजा चाहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए गृह मंत्रालय से एनओसी जरूरी कर सकता है. इससे सुरक्षा मानकों पर नए सिरे से विचार संभव होगा.

आठवां – करतारपुर कॉरिडोर बंद करना – भारत सरकार तत्काल प्रभाव से करतारपुर कॉरिडोर के संचालन को निलंबित कर सकती है.

नौवां –सभी व्यापार बंद करना: भारत यूएई जैसे तीसरे देशों के माध्यम से पाकिस्तान के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हो रहे व्यापार पर रोक लगा सकता है.

दसवां – सीमा समारोह समाप्त करना: भारत वाघा सीमा ध्वज समारोह, बीटिंग रिट्रीट और हुसैनवाला और आरएस पुरा सीमाओं पर इसी तरह के कार्यक्रमों को बंद कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो ये भी काफी ऐतिहासिक घटनाक्रम होगा.

इन उपायों का उद्देश्य पाकिस्तान को कूटनीतिक, आर्थिक और प्रतीकात्मक रूप से अलग-थलग करना है, साथ ही पहलगाम आतंकी हमले की वजह से उपजी चिंताओं को दूर करना है. वहीं, सैन्य विकल्पों की जानकारी सार्वजनिक तौर पर नहीं आई है क्योंकि इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जानी है. सैन्य अभियानों का उद्देश्य पाकिस्तानी सेना और लश्कर-ए-तैयबा को निशाना बनाना है.

Leave a Comment